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Showing posts from July, 2025

हिंदुली बघेली लोकगीत

  सुनु रे सामनमा रिमिक झिम बरसे, आई हो गई ना उहे राखी की बेरिया आई हो गई ना ।।| 1|| रहिया निहारत उड़े रे घुँघटवा, नहीं हो आये ना मोरे बीरन भइया, नहीं हो आये ना ।। 2|| रहिया निहारत दूरै रे कजरबा, नहीं हो आए ना मोरे बीरन भइया, नहीं हो आए ना ।। 3|| माया मोरी होती ता सुधि मोरी लेती, बिसरि गई ना मोरी भउजी का सुधिया, बिसरि गई ना ।। 4।। पाँच डोली पनमा पचीस रे सुपड़िया, लादे हो आमै ना मोरी बीरन भइया लादै, हो आमै ना।। 5 ।।

हिंदुली लोकगीत

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अँगना बहोरत उड़िगा अँचरबा,  पै जोगिया के परिगै नजरिया हो ना ।। 1 ।। देहू न मोरी सासू गगरी घइलना,  पै पनिया भरन हम जाबै हो ना ।। 2|| भरि लेतिउ मोरी ननदी गगरी घइलना पौ, नैदेखि लेतेव जोगी के मढुलिया हो ना ।। 3 ।। पांच घइला बोरिन पांच घइला फोरिन,  पै नहीं आई भउजी हमारौ हो ना ।। 4|| घोड़ा चढ़ि आबै राजा के पुतबा,  पै कहव देखै भउजी हमारौ हो ना ।। 5।। तोरी भउजी देखउ जोगी की मढुलिया,  पै जोगी संग खेलै कजरिया हो ना ।। 6 ।। कौन बरन भौजी जोगी के मढुलिया,  पै कौन बरन जागिर दारउ हो ना ।। 7|| सोनमा बरन ननदी जोगी के मदुलिया,  पै सुन्दर बरन जागिर दारउ हो ना ।। ४|| गगरी त पटकिन गोढ़री त फिटकिन,  पै भइया से लइया लगामै हो ना ।। 9/1 एक छड़ी मारिन दुसर छड़ी मारिन,  पै तिसरे मा रहे पछिताने हो ना।। 10। |

हिंदुली बघेली लोकगीत

 अँगना बहोरत टुटिगे बढ़निया,  पै सासू मोरी मइया गरियावई हो ना ।। 1। सरग उड़त्तिन चिरइया बहिनिया,  पै माया से कहतिउ सन्देसा हो ना ।। 2।। एक सीके बढ़नी के टूटे मोरी माया,  पै सासू मोरी भइया गरियावई हो ना ।। 3। एक बोझा बढ़नी पढ़ई देतिव माया,  पै पठै देतिव बिरना हमारेउ हो ना ।। 4 ।। बरसन लागी सामन केरी बुंदिया,  पै मोरे बीरन भइया नहीं हो आए ना ।। 5 ।। अउर पहुँनमा निते नित आमै,  पै मोरे बीरन भइया नहीं हो आए ना ।। 6 ।। उड़िजा रे उड़िजा मुंडेरी से रे कागा,  पै मोरे बीरन भइया चले हो आमै ना।। 7 ।। नीले-नीले घोड़िला दुआरे हिहनाने,  पै मोरे बीरन भइया आए हो गए ना ।। 8 ।। आगे-आगे रेंगय भइया बिरनमा, नदियापै पाछे-पाछे बढ़नी के बोझबउ हो ना ।। 9।। कहना उतारी सासू बढ़नी के बोझबा,  पै कहना बइठाई बीरन भइया हो ना ।। 10 || आजु मोरे आए है भइया पहुँनमा,  पै काहा रची सासू जेवनारी हो ना ।। 11 ||

हिंदुली लोकगीत

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अँगना बहोरत उड़िगा घुँघुटबा, पै ससुरू के परिगै नजरिया हो ना की तुम बारी धना संचबा की ढारी, पै की तुम्हीं गढ़िसी सोनरउ हो  अँगना बहोरत उड़िगा घुँघुटबा, पै जेठा कै परिगै नजरिया हो ना ।। 1 ।। की तुम बारी धना संचबा की ढारी, पै की तुम्हीं गढ़िसी सोनरउ हो ना माया बाबुल मोरे जनम दीहिन है, पै सुरति दिहिस भगवानौ हो ना ।।2।।  अंगना बहोरत उड़िगा घुँघुटबा, पै देवरा के परिगै नजरिया हो ना की तुम बारी धना संचबा की ढारी, पै की तुम्हीं गढ़िसी सोनरउ हो ना माया बाबुल मोरे जनम दीहिन है, पै ससुरू दिहिन अहिबातउ हो ना।।3।

हिंदुली लोकगीत

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 सावन-भांदव की झुकी अंधिअरिया नही हो आयेन ना मोरे बिरन भइया नहीं हो आये ना ।। 1|| रहिया तकत बीतै, दिन दुपहरिया नहीं हो बीतै ना  उहै सामन कै रतिया, नहीं हो बीतै ना।। 2।। सासा ननदी मोरी ताना जो मारै, बिरह बोलै ना मोरा लहुरा देवरबा बिरह बोलै ना।। 3।। माया मोरी होती त सुध मोरी लेती, बिसरि गई ना  मोरी भउजी का सुधिया बिसरि गई ना।। 4।। पाँच डोली पनमा पच्चीस रे सुपड़िया, लये हो आमै ना मोरे बीरन भइया चले हो आमै ना।। 5||

हिंदुली बघेली लोकगीत

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घन अमरईया बिड़र होई जातिउ  पै देखि लेतेव बाबुल कै महलिया हो ना बाबू के महलिया त दिअना जलतु हैं  पै जहाँ रे बिराजै भगवानौ हो ना ।। 1।।  बाबुल के महलिया देखन नहीं पायौं  पै घिरि आई कारी बदरिया हो ना ।। 2 ।।  कारी बदरिया छिटकि चली जातिव  पै देखि लेत्यौ बाबुल के महलिया हो ना ।। 3 ।।

हिंदुली बघेली लोकगीत

अपने महलिया से माया गोहरामै, उठा हो कान्हा ना गउआ दिलने कै बेरिया, उठा हो कान्हा ना ।। 1 ।।  दाए हाथे लीन्हिन बाँसे के बसुरिया, बायेन हाथे ना कान्हा गउआ डहरामै, दाहिने हाथे ना।। 2।।  एक वन गे है दुसर वन गे है, तिसर बन ना कान्हा गउआ डहरामै, तिसर वन ना ।। 3 ।। दही मोरी खाइन मटकि मोरी फोरिन, झपटि लीन्हिन नामोरी रेशम चुनरिया, झपटि लीन्हिन ना।। 4|| अपने महलिया से माया गोहरामै, उठा हो कान्हा ना गउआ दिलने कै बेरिया, उठा हो कान्हा ना।। 5 ।।

हिंदुली गीत

  ऊँची पहड़िया दूरै रे कारे बदरा, दुरै हो लागे ना मोरे माया के अँसुआ, दुरै हो लागे ना ।। 1|| सब केरी बिटिया तो रखिया बँधतु है, हमारी बेटी ना ऊँ त भँई ससुरइतिन, हमारी बेटी ना ।। 2।। सब केरी बिटिया तो खेलत कजरिया, हमारी बेटी ना ऊँ त सोने के पिजड़बा, हमारी बेटी ना ।। 3 ।। सब केरी बिटिया तो तीजा पुजतु है, हमारी बेटी ना ऊँ त भईं ससुरइतिन, हमारी बेटी ना ।। 4 ||

बघेली सोहर गीत

 चैइतै के तिथि नउमी, बाजन बहु बाजय, बाजन बहु बाजय हो आबा प्रगटे हैं दीन दयाल, तिनहु कुल जाहिर, तिनहु कुल जाहिर हो । ।1 ।। सुन्दर चइत महिनमा, न बहे रे पवनमा, न बहे रे पवनमा हो आबा नौमी तिथि मधुमास, रमइया जनम लीन्हिन, रमइया जनम लीन्हिन हो।।2।। केखेन जन्में हैं राम, केखेन जन्मे लक्षिमन, केखेन जन्मे लक्षिमन हो आबा केखेन भरत भुआल, तीनव कुल जाहिर, तीनव कुल जाहिर हो।।3।।  रानी कौशल्या के जन्में हैं राम, सुमित्रा के लक्षिमन, सुमित्रा के लक्षिमन हो आबा केकेई के भरत भुआल, तीनों रे कुल जाहिर, तीनों रे कुल जाहिर हो।।4।। कउने घड़ी जन्में हैं राम, कउन घड़ी लक्षिमन, कउन घड़ी लक्षिमन हो आबा कउने घड़ी भरत भुआल, तीनों रे कुल जाहिर, तीनों रे कुल जाहिर हो। ।5।। शुभ घड़ी जन्में हैं राम, शुभै घड़ी लक्ष्मण, शुभै घड़ी लक्ष्मण हो आबा शुभ घड़ी भरत भुआल, तीनों रे कुल जाहिर, तीनों रे कुल जाहिर हो। ।6।।

बघेली सोहर गीत

धन-धन नगर अयोध्या, धनै राजा दशरथ, धनै राजा दशरथ हो  आबा धन रे कौशिल्या तोरी भाग्य, रमइया जहाँ जनमे, रमइया जहाँ जनमे हैं। ।1।।  जउने दिना रामा जनम भे हैं, धरती आनंद भई, धरती आनंद भई हो आबा बाजय लागीं आनंद बधइयां, गामे रे सखी सोहर, गामै रे सखी सोहर हो।।2।। थारी भर मोतियां लुटावत, रानी सुख पावत, रानी सुख पावत हो आबा आबा हिय हर्षत सब देव, सुमन बरसावत, सुमन बरसावत हो।। 3 ।।  कपिला का दुधवा मॅगउबै, ललन नहबउबै, ललन नहबउबै हो आबा आबा पीत पीताम्बर मुख पोछबै, सिंहासन पहुड़उबै, सिंहासन पहुड़उबै हो ।। 4 ||  ललना की लुटरी झलरियां, बहुत नीक लागें, बहुत नीक लागें हो आबा गुहिदे कमल दल फूल, भँवरा अइसे गूँजैं, भँवरा अइसे गूँजें हो ।। 5||  ललना की बड़ी-बड़ी अखियाँ, काजल भल सोहै, काजल भल सोहै हो आबा आबा आँजत फूफू सुभद्रा,अँगुलिया नहीं डोलै, अँगुलिया नहीं डोलै हो।।6।।  ललना की छोटी-छोटी गोड़ियाँ, पैजनिया भली सोहै, पैजनिया भली सोहै हो आबा आबा धरत मधुरियन पाँव, मधुर सुर बाजय, मधुर सुर बाजय हो।। 7।।

बघेली लोकगीत

 ओरियों के तर-तर फिरइ, बहुरिया ता फिरइ बहुरिया हो राजा पीरा त हरतै हमार, धनिया तोरी व्याकुल धनिया तोरी व्याकुल हो।।1।। सासू का मनतिउ ननदी का ही, मनतिउ ननद का ही, मनतिउ ननद का ही हो आबा ओई हरय पीरा तोंहार, धना तुम सुनतिउ धना तुम सुनतिउ हो ।। 2।। ओरियाँ के तर-तर फिरय बहुरिया, त फिरइ बहुरिया हो आबा हो राजा पीरा त हरतै हमार, धनिया तोरी व्याकुल, धनिया तोरी व्याकुल हो।। 3 ।। भयनेउ का मनतिउ बभना, जो मनतिउ बभना हो आबा ओई हरते पीरा तोंहार, धना तुम सुनतिउ, धना सुनतिउ हो ।। 4।। कोठबा मा धरा हबै सोनमा, त चाँदिउ धरि हबै, त चाँदिउ धरि हबै हो राजा भइने का देतेव बोलाए, त बभना बोलाइ देत्या, त बभना बोलाइ देत्या हो।। 5 ।।