हिंदुली बघेली लोकगीत
अपने महलिया से माया गोहरामै, उठा हो कान्हा ना गउआ दिलने कै बेरिया, उठा हो कान्हा ना ।। 1 ।।
दाए हाथे लीन्हिन बाँसे के बसुरिया, बायेन हाथे ना कान्हा गउआ डहरामै, दाहिने हाथे ना।। 2।।
एक वन गे है दुसर वन गे है, तिसर बन ना कान्हा गउआ डहरामै, तिसर वन ना ।। 3 ।।
दही मोरी खाइन मटकि मोरी फोरिन, झपटि लीन्हिन नामोरी रेशम चुनरिया, झपटि लीन्हिन ना।। 4||
अपने महलिया से माया गोहरामै, उठा हो कान्हा ना गउआ दिलने कै बेरिया, उठा हो कान्हा ना।। 5 ।।
Comments
Post a Comment