हिंदुली बघेली लोकगीत
अँगना बहोरत टुटिगे बढ़निया,
पै सासू मोरी मइया गरियावई हो ना ।। 1।
सरग उड़त्तिन चिरइया बहिनिया,
पै माया से कहतिउ सन्देसा हो ना ।। 2।।
एक सीके बढ़नी के टूटे मोरी माया,
पै सासू मोरी भइया गरियावई हो ना ।। 3।
एक बोझा बढ़नी पढ़ई देतिव माया,
पै पठै देतिव बिरना हमारेउ हो ना ।। 4 ।।
बरसन लागी सामन केरी बुंदिया,
पै मोरे बीरन भइया नहीं हो आए ना ।। 5 ।।
अउर पहुँनमा निते नित आमै,
पै मोरे बीरन भइया नहीं हो आए ना ।। 6 ।।
उड़िजा रे उड़िजा मुंडेरी से रे कागा,
पै मोरे बीरन भइया चले हो आमै ना।। 7 ।।
नीले-नीले घोड़िला दुआरे हिहनाने,
पै मोरे बीरन भइया आए हो गए ना ।। 8 ।।
आगे-आगे रेंगय भइया बिरनमा,
नदियापै पाछे-पाछे बढ़नी के बोझबउ हो ना ।। 9।।
कहना उतारी सासू बढ़नी के बोझबा,
पै कहना बइठाई बीरन भइया हो ना ।। 10 ||
आजु मोरे आए है भइया पहुँनमा,
पै काहा रची सासू जेवनारी हो ना ।। 11 ||
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