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हिंदुली बघेली लोकगीत

  सुनु रे सामनमा रिमिक झिम बरसे, आई हो गई ना उहे राखी की बेरिया आई हो गई ना ।।| 1|| रहिया निहारत उड़े रे घुँघटवा, नहीं हो आये ना मोरे बीरन भइया, नहीं हो आये ना ।। 2|| रहिया निहारत दूरै रे कजरबा, नहीं हो आए ना मोरे बीरन भइया, नहीं हो आए ना ।। 3|| माया मोरी होती ता सुधि मोरी लेती, बिसरि गई ना मोरी भउजी का सुधिया, बिसरि गई ना ।। 4।। पाँच डोली पनमा पचीस रे सुपड़िया, लादे हो आमै ना मोरी बीरन भइया लादै, हो आमै ना।। 5 ।।

हिंदुली लोकगीत

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अँगना बहोरत उड़िगा अँचरबा,  पै जोगिया के परिगै नजरिया हो ना ।। 1 ।। देहू न मोरी सासू गगरी घइलना,  पै पनिया भरन हम जाबै हो ना ।। 2|| भरि लेतिउ मोरी ननदी गगरी घइलना पौ, नैदेखि लेतेव जोगी के मढुलिया हो ना ।। 3 ।। पांच घइला बोरिन पांच घइला फोरिन,  पै नहीं आई भउजी हमारौ हो ना ।। 4|| घोड़ा चढ़ि आबै राजा के पुतबा,  पै कहव देखै भउजी हमारौ हो ना ।। 5।। तोरी भउजी देखउ जोगी की मढुलिया,  पै जोगी संग खेलै कजरिया हो ना ।। 6 ।। कौन बरन भौजी जोगी के मढुलिया,  पै कौन बरन जागिर दारउ हो ना ।। 7|| सोनमा बरन ननदी जोगी के मदुलिया,  पै सुन्दर बरन जागिर दारउ हो ना ।। ४|| गगरी त पटकिन गोढ़री त फिटकिन,  पै भइया से लइया लगामै हो ना ।। 9/1 एक छड़ी मारिन दुसर छड़ी मारिन,  पै तिसरे मा रहे पछिताने हो ना।। 10। |

हिंदुली बघेली लोकगीत

 अँगना बहोरत टुटिगे बढ़निया,  पै सासू मोरी मइया गरियावई हो ना ।। 1। सरग उड़त्तिन चिरइया बहिनिया,  पै माया से कहतिउ सन्देसा हो ना ।। 2।। एक सीके बढ़नी के टूटे मोरी माया,  पै सासू मोरी भइया गरियावई हो ना ।। 3। एक बोझा बढ़नी पढ़ई देतिव माया,  पै पठै देतिव बिरना हमारेउ हो ना ।। 4 ।। बरसन लागी सामन केरी बुंदिया,  पै मोरे बीरन भइया नहीं हो आए ना ।। 5 ।। अउर पहुँनमा निते नित आमै,  पै मोरे बीरन भइया नहीं हो आए ना ।। 6 ।। उड़िजा रे उड़िजा मुंडेरी से रे कागा,  पै मोरे बीरन भइया चले हो आमै ना।। 7 ।। नीले-नीले घोड़िला दुआरे हिहनाने,  पै मोरे बीरन भइया आए हो गए ना ।। 8 ।। आगे-आगे रेंगय भइया बिरनमा, नदियापै पाछे-पाछे बढ़नी के बोझबउ हो ना ।। 9।। कहना उतारी सासू बढ़नी के बोझबा,  पै कहना बइठाई बीरन भइया हो ना ।। 10 || आजु मोरे आए है भइया पहुँनमा,  पै काहा रची सासू जेवनारी हो ना ।। 11 ||

हिंदुली लोकगीत

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अँगना बहोरत उड़िगा घुँघुटबा, पै ससुरू के परिगै नजरिया हो ना की तुम बारी धना संचबा की ढारी, पै की तुम्हीं गढ़िसी सोनरउ हो  अँगना बहोरत उड़िगा घुँघुटबा, पै जेठा कै परिगै नजरिया हो ना ।। 1 ।। की तुम बारी धना संचबा की ढारी, पै की तुम्हीं गढ़िसी सोनरउ हो ना माया बाबुल मोरे जनम दीहिन है, पै सुरति दिहिस भगवानौ हो ना ।।2।।  अंगना बहोरत उड़िगा घुँघुटबा, पै देवरा के परिगै नजरिया हो ना की तुम बारी धना संचबा की ढारी, पै की तुम्हीं गढ़िसी सोनरउ हो ना माया बाबुल मोरे जनम दीहिन है, पै ससुरू दिहिन अहिबातउ हो ना।।3।

हिंदुली लोकगीत

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 सावन-भांदव की झुकी अंधिअरिया नही हो आयेन ना मोरे बिरन भइया नहीं हो आये ना ।। 1|| रहिया तकत बीतै, दिन दुपहरिया नहीं हो बीतै ना  उहै सामन कै रतिया, नहीं हो बीतै ना।। 2।। सासा ननदी मोरी ताना जो मारै, बिरह बोलै ना मोरा लहुरा देवरबा बिरह बोलै ना।। 3।। माया मोरी होती त सुध मोरी लेती, बिसरि गई ना  मोरी भउजी का सुधिया बिसरि गई ना।। 4।। पाँच डोली पनमा पच्चीस रे सुपड़िया, लये हो आमै ना मोरे बीरन भइया चले हो आमै ना।। 5||

हिंदुली बघेली लोकगीत

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घन अमरईया बिड़र होई जातिउ  पै देखि लेतेव बाबुल कै महलिया हो ना बाबू के महलिया त दिअना जलतु हैं  पै जहाँ रे बिराजै भगवानौ हो ना ।। 1।।  बाबुल के महलिया देखन नहीं पायौं  पै घिरि आई कारी बदरिया हो ना ।। 2 ।।  कारी बदरिया छिटकि चली जातिव  पै देखि लेत्यौ बाबुल के महलिया हो ना ।। 3 ।।

हिंदुली बघेली लोकगीत

अपने महलिया से माया गोहरामै, उठा हो कान्हा ना गउआ दिलने कै बेरिया, उठा हो कान्हा ना ।। 1 ।।  दाए हाथे लीन्हिन बाँसे के बसुरिया, बायेन हाथे ना कान्हा गउआ डहरामै, दाहिने हाथे ना।। 2।।  एक वन गे है दुसर वन गे है, तिसर बन ना कान्हा गउआ डहरामै, तिसर वन ना ।। 3 ।। दही मोरी खाइन मटकि मोरी फोरिन, झपटि लीन्हिन नामोरी रेशम चुनरिया, झपटि लीन्हिन ना।। 4|| अपने महलिया से माया गोहरामै, उठा हो कान्हा ना गउआ दिलने कै बेरिया, उठा हो कान्हा ना।। 5 ।।