बगेली सोहर गीत

(बगेली सोहर गीत)

पान जैसी रहेन त पातर त फूल जैसी सुन्दर त फूल जैसी सुन्दर हो – 2

अब सुन्दर महल बीज ठाडी सोमै रे सुख निदिया – 2

सोई सुन्दर जब जागै त सेजिया निहारै त सेजिया निहारै हो

अब अजू छैल घर नही सेजिया मोर सूनी – 2

जमरे ठाडी ननदिया विरह बोली बोलय हो

भउजी भईया ता गे है माली बगिया मलिन संग विहसय मलिन संग विहसय हो

एकुत सहिऊ तय पातर दुसर काली कोईली हो – 2

अब कौनन रस पिययिऊ छैल भिरु हाईउ छैल भिरु हाईउ हो

पान फूल सेजिया बिछायेऊ अतर गमकाएउ अतर गमकाएउ हो – 2

अब अचला से पवन डोलायेउ छैल भिरु हाईउ छैल भिरु हाईउ हो 

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