बघेली भजन गीत

 

(बघेली भजन गीत)

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

माँ बेटी का नाता जरा आ के निभा जाना

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

उठ रोज सवेरे माँ तेरे दरवार सजाउगी

दरबार में आकर के माँ झलक दिखा जाना – 2

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

उठ रोज सवेरे माँ तेरे चौकी सजाउगी तेरी जोत जलाउगी – 2

जोत में आकर के माँ तुम अपना रूप दिखा जाना

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

फागुन के महीने में तेरा घट भरबाऊगी मईया तेरा घर भरबाऊगी

जब रंग घोलू माँ होली खेलन आ जाना – 2

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

सावन के महीने में तेरा झुला मैं डालू

झोके दे के मईया मेरा मान बढा जाना

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

नौ रार्त्रो में मईया कीर्तन करबाऊगी भक्तो को बुलाउगी भक्तो को बुलाउगी

जब मैं भेटे गाऊ मेरा मान बढा जाना

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

माँ बेटी का नाता जरा आ के निभा जाना

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

नौवी के दिन मईया तेरा हवन कराऊगी

मईया कन्या बन करके भोग लगा जाना – 2

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

माँ बेटी का नाता जरा आ के निभा जाना

मैं जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना – 2

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